नमस्कार दोस्तों, Opentopia के इस Blog में आपका स्वागत है.
तो दोस्तों, आज एक बहुत ही बड़ी खबर निकल कर आ रही है. भारत ने चीन की चौतरफा घेराबंदी शुरु कर दी है. और चीन पर एक साथ दो बड़े ऐसे हमले कर दिए हैं. जिनसे चीन एकदम पस्त पड़ गया है. वहीं भारत के ऐसे हमलो से चीन में भी सनसनी फैल गई है. और चीन एकदम बौखलाया हुआ है. इस के अलावा इजरायल के साथ क्या कुछ हुआ है. यह भी मैं आपको बताने जा रहा हूं. तो इस Blog में अंत तक बने रहिए. साथ ही लेटेस्ट अपडेट के लिए चैनल को सब्सक्राइब कीजिए. तो चलिए शुरू करते हैं. जैसा कि जैसा कि आप जानते ही हैं, कि भारत इस समय पर यूएनएससी का प्रेसिडेंट बना हुआ है. इस समय भारत दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश एक तरह से है. क्योंकि भारत ही एक ऐसा देश है. जिस को रूस के साथ-साथ अमेरिका का भी पूरा साथ मिल रहा है. यहां पर दिक्कत है, तो सिर्फ लेकिन चीन से. यूएनएससी में तो चीन भी चूँ तक नहीं कर पा रहा है. भारत यहां पर जो भी कर रहा है. चीन यहां पर भारत की हां में हां मिलाता जा रहा है. अफगानिस्तान को लेकर यूएनएससी में चीन ने हामी भरी थी. और इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी जी ने यूएनएससी में एक मीटिंग की अध्यक्षता की। और ऐसा करने वाले वह पहले भारतीय प्रधानमंत्री बने.और यहां पर भारत ने मैरिटाइम सिक्योरिटी को लेकर मुद्दा उठाया था. और मैरिटाइम सिक्योरिटी का मुद्दा भी यूएनएससी में पहली बार उठा था और मैरिटाइम सिक्योरिटी का मुद्दा भी यूएनएससी में पहली बार उठा था. तो दोस्तों, इस को लेकर जो भी निर्णय यूएनएससी का आया. उसको चीन ने भी माना है. दोस्तों, लेकिन यहां पर भारत ने चीन को ऐसे घाँव दिए हैं. जिन से चीन अब तक उबर नहीं पा रहा है. तो इससे पहले मैं आपको बता देना चाहता हूं, कि इजरायल के साथ आखिर क्या हुआ है. तो दोस्तों, चीन ने इजरायल में एक बहुत ही बड़ा साइबर अटैक किया है. और उसे ठीक बाद ही भारत ने चीन को ऐसे 2 बड़े घाँव दे दिए हैं. जैसे कि भारत अपने मित्र देश इजराइल का ही बदला ले रहा हो. तो असल में हुआ ऐसा है, कि भारत ने यूएनएससी में India ने साउथ चाइना Sea का भी मुद्दा उठा दिया था. और इसी से आप समझ सकते हैं कि भारत के पास अभी मौजूदा समय में कितनी बड़ी शक्ति है. साउथ चाइना समुद्र का मुद्दा उठाने पर चीन और अमेरिका आपस में भिड गए थे. तो चीन का यहां पर यह कहना है, कि यूएनएससी सही जगह नहीं है. साउथ चाइना समुद्र का मुद्दा उठाने के लिए. जी हां, दोस्तों यूएनएससी जैसे प्लेटफार्म पर साउथ चाइना समुद्र का मुद्दा उठाना, अपने में एक बहुत बड़ी बात होती है. और ऊपर से भारत ने यह मुद्दा उठाया है. और यह तो और भी बड़ी बात हो गई है. और दोस्तों चीन को इससे बहुत बड़ा झटका लगा है.
और इसके बाद ही चीन ने यह बयान दिया है. कि यह सही जगह नहीं है. और इसी के बाद से ही चीन एकदम बौखलाया हुआ नजर आ रहा है. और इसके बाद भारत ने एक ऐसा कदम उठाया है. जिससे कि न केवल डिप्लोमेटिक लेवल पर बल्कि डिफेंस लेवल पर भी भारत की स्थिति मजबूत होगी. जी हां, दोस्तों जैसा कि आपको पता ही है, कि अरुणाचल प्रदेश से लगती हुई चीनी सीमा पर चीन काफी अग्रेशन दिखाता है. यहां पर हमारी ब्रह्मपुत्र नदी भी चीन से बहती हुई आती है. और चीन ब्रह्मपुत्र नदी से कितनी छेड़छाड़ कर रहा है. यह तो आपको मालूम ही है. जी हां दोस्तों, चीन यह प्लान बना रहा है. कि वह ब्रह्मपुत्र नदी पर एक बांध को बनाएं.
और इससे भारत को यह खतरा है कि अगर भविष्य में कभी चीन इस बांध के पानी भारत की तरफ को खोल देता है. तो इससे बांध से निकला हुआ पानी भारत में बहुत ज्यादा हानि पहुंचा सकता है.
और इसके अलावा चीन के पास अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगते हुए भारत - तिब्बत बॉर्डर पर काफी अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर भी है. यहां पर चीन के पास चार चार रोडे हैं. L.A.C पर पहुंचने के लिए, और भारत के पास सिर्फ एक ही रोड है. जिससे भारत L.A.C एरिया पर जा सकता है. और उस रोड पर भी हमारी भारतीय सेना को काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. तो इसी को लेकर ही भारत ने एक बहुत बड़ा कदम उठा दिया है. जी हां दोस्तों, भारत ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे एक टनल बनाने जा रहा है. जी हां दोस्तों, यह सुनने में थोड़ा सा अटपटा तो लग रहा है. पर यह सच हैं। और ऐसा कहना है, असम के मुख्यमंत्री श्री हेमंत विश्व शर्मा जी का. जी हां दोस्तों, उन्होंने यह कहा है. कि डिफेंस मिनिस्टर के साथ होने फॉरवर्ड एरिया का दौरा किया था. इस के साथ ही CDS के साथ उन्होंने यह मुद्दा उठाया है. और यह प्रोजेक्ट इंडियन आर्मी के टॉप प्रायोरिटी पर चल रहा है.
और उनका कहना है, कि ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे 12 से 15 किलोमीटर लंबा टनल बनाकर वह L.A.C पर अपनी स्थिति को मजबूत करेंगे. और इससे भारतीय सेना को भी एक बहुत बड़ी मदद मिल जाएगी. क्योंकि इससे भारतीय सेना अपना सामान काफी आसानी से ट्रांसपोर्ट कर सकेगी. और दोस्तों ऑल वेदर कनेक्टिविटी भी इस चैनल से रहेगी. दोस्तों, यह Tunnel भी अटल टनल की तरह ही बनाया जा रहा है.
इसमें यह बताया जा रहा है. कि इसमें तकरीबन चार से पांच हजार करोड़ की लागत आएगी और भारतीय सेना के लिए यह 4 - 5 हजार करोड़ रुपए कोई भी मायने नहीं रखते हैं. क्योंकि यह कीमत कुछ भी नहीं है, हमारी इंडियन आर्मी के सामने. इस कीमत को खर्च करके हम अपनी भारतीय सेना के लिए एक मजबूत इन्फ्राट्रक्चर तैयार कर रहे हैं. और इस खबर से चीन में सनसनी फैल गई है.
दोस्तों चीन ने कभी नहीं सोचा था, कि भारत इस तरह का कोई कदम उठा सकता है. और साथ ही भारत के इस कदम से चीन काफी ज्यादा परेशान हो गया है.
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जय हिंद, वंदे मातरम
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