ईरान के राष्ट्रपति रईसी का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन:अमेरिका-इजराइल से तनाव के बीच वाइस प्रेसिडेंट मुखबेर अंतरिम राष्ट्रपति बने; भारत में एक दिन का शोक.................
ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (63 ) और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन का हेलिकॉप्टर क्रैश में निधन हो गया है। ईरान की सरकारी न्यूज एजेंसी IRNA ने सोमवार सुबह यह जानकारी दी। अजरबैजान से लौटते समय उनका हेलिकॉप्टर रविवार शाम करीब 7 बजे लापता हो गया था। हादसे में हेलिकॉप्टर सवार सभी 9 लोग मारे गए।
मध्य पूर्व एशिया के शिया बहुल देश ईरान ने अपने दो नेताओं को उस समय खोया है, जब इजराइल के साथ उसके रिश्ते टकराव की सीमा तक बिगड़ गए हैं। वहीं अमेरिका-ईरान के संबंधों में भी तनाव हैं। ऐसे में उपराष्ट्रपति मोहम्मद मुखबेर को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है। ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने सोमवार को यह ऐलान किया।
मैप में देखें रईसी के हेलिकॉप्टर की क्रैश लोकेशन
अपडेट्स
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मारे गए ईरानी राष्ट्रपति रईसी और उनके साथियों की याद में एक मिनट का मौन रखा है। परिषद के अध्यक्ष मोजाम्बिक के राजदूत पेड्रो कोमिसारियो अफोंसो की अध्यक्षता में सदस्यों ने मौन रखा।
ईरान के न्यूज एजेंसी ISNA के अनुसार देश के सेना प्रमुख मोहम्मद बघेरी ने रईसी के हेलिकॉप्टर की दुर्घटना के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि बाघेरी ने जांच का जिम्मा एक हाई रैकिंग कमेटी को दिया है।
तुर्किये के परिवहन मंत्री अब्दुलकादिर उरालोग्लू ने दावा किया कि ईरान के राष्ट्रपति रईसी जिस हेलिकॉप्टर में सवार थे, उसका सिग्नल सिस्टम चालू नहीं था। या फिर उसमें सिग्नल सिस्टम था ही नहीं। ईरान की आपातकालीन स्थिति से निपटने की जिम्मेदारी तुर्किये की भी है, इसलिए हमने अफसरों से हेलिकॉप्टर के सिग्नल की जांच की थी।
रूस के पूर्व रक्षा मंत्री और सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगू ने कहा है कि वे ईरान को हेलिकॉप्टर दुर्घटना की जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं। अलजजीरा ने रूसी स्टेट न्यूज एजेंसी RIA के हवाले से ये जानकारी दी है।
CNN की रिपोर्ट के मुताबिक इब्राहिम रईसी के शव को मशहद शहर ले जाया जाएगा। ईरान के उत्तर-पूर्वी हिस्से में बसे इसी शहर में रईसी का जन्म हुआ था। यहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा।
रूस के राष्ट्रपति ने रईसी की मौत के बाद बने ईरान के अंतरिम राष्ट्रपति मुखबेर से फोन पर बात की। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद रईसी ने ईरानी ड्रोन भेज रूस की मदद की थी। इसके बाद से दोनों नेताओं के बीच काफी अच्छे संबंध थे।
क्रेमलिन की वेबसाइट के मुताबिक, दोनों नेताओं ने पिछले 2 साल के अंदर करीब 17 बार फोन, वीडियो लिंक और आमने-सामने बातचीत हुई है।
रूस के राष्ट्रपति: व्लादिमीर पुतिन ने रईसी की मौत पर दुख जताया है। क्रेमलिन की तरफ से जारी किए गए स्टेटमेंट में पुतिन ने कहा, "रईसी रूस के सच्चे दोस्त थे। उनके कार्यकाल में दोनों देशों के बीच रिश्ते और मजबूत हुए। हम इस दुख की घड़ी में ईरान के साथ हैं।"
इराक के प्रधानमंत्री: मोहम्मद शिया अल सुडानी ने कहा, "राष्ट्रपति रईसी की मौत पर ईरान के सुप्रीम लीडर खामेनेई के प्रति हमारी संवेदनाएं और सहानुभूति है। हम ईरान के नागरिकों और वहां के अधिकारियों के साथ हैं।"
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री: शहबाज शरीफ ने घोषणा की है कि ईरान के राष्ट्रपति के निधन पर पाकिस्तान में 1 दिन का शोक मनाया जाएगा। इस दौरान रईसी के सम्मान में देश के झंडे को भी आधा झुकाया जाएगा।
UAE के राष्ट्रपति: मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान ने कहा है कि UAE इस कठिन समय में ईरान के लोगों के साथ है। उन्होंने रईसी के शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदनाएं भी व्यक्त कीं।
चीन के राष्ट्रपति: शी जिनपिंग ने भी रईसी के मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि रईसी ने ईरान में सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने के लिए कई जरूरी कदम उठाए।
उन्होंने चीन-ईरान के बीच स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत किया। उनकी अचानक मौत ईरान के लोगों के लिए बड़ी क्षति है। रईसी के तौर पर चीन के लोगों ने एक अहम दोस्त को खो दिया।
ईरानी राष्ट्रपति की मौत के बाद भारत सरकार ने देश में 21 मई को 1 दिन के शोक की घोषणा की है।
इस दौरान रईसी के सम्मान में पूरे देश में भारत के झंडे को आधा झुकाया जाएगा। इस दौरान सरकार की तरफ से एंटरटेनमेंट के इवेंट्स नहीं होंगे।
रईसी की मौत पर अमेरिकी राज्य फ्लोरिडा के सांसद माइकल वॉल्ट्ज ने खुशी जताई है। उन्होंने कहा कि ये अच्छी बात है कि हमें उनसे छुटकारा मिल गया। सांसद ने ये भी कहा कि उन्होंने मानवाधिकारों की हत्या की थी।
उन्होंने अंदेशा जताया कि ईरान इस घटना के लिए अमेरिका और इजराइल को जिम्मेदार ठहरा सकता है। वहीं, फ्लोरिडा के ही रिपब्ल्किन सीनेटर रिक स्कॉट ने भी इससे सहमति जताते हुए कहा कि रईसी के जाने से दुनिया और सुरक्षित हो गई है।
उन्होंने ये भी कहा कि ईरान की जनता रईसी से प्यार नहीं करती थी और अब उनके मरने के बाद भी उन्हें कोई याद नहीं रखेगा। सीनेटर ने उम्मीद जताई कि ईरानी जनता हत्यारे तानाशाहों से देश को मुक्त कराने में कामयाब होगी।
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत के बाद डिप्टी प्रेसीडेंट मोहम्मद मुखबेर (68) को अंतरिम राष्ट्रपति बनाया गया है। मुखबेर 2021 में इब्राहिम रईसी के पद संभालने के बाद उपराष्ट्रपति चुने गए थे।
उन्हें पूर्व राष्ट्रपति रईसी का बेहद करीबी माना जाता है। इसी कारण पश्चिमी देशों ने यह आरोप लगाया था कि मुखबेर उप-राष्ट्रपति पद के लिए चुने नहीं गए हैं, बल्कि उनकी नियुक्ति हुई है।
मुखबेर पर यूरोपीय यूनियन ने 2010 में प्रतिबंध लगा दिया था। उन पर ईरान के न्यूक्लियर और बैलास्टिक मिसाइल प्रोग्राम में शामिल होने का आरोप लगा था। हालांकि, 2 सालों के बाद उन पर से प्रतिबंध हटा लिया गया।
ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने मंगलवार को राष्ट्रपति रईसी की मौत पर पर शोक संदेश जारी किया। इसमें उन्होंने कहा कि उपराष्ट्रपति मोहम्मद मुखबेर हेड ऑफ स्टेट की जिम्मेदारी संभालेंगे।
उन्होंने ईरान के संविधान के आर्टिकल 131 के अनुसार मुखबेर को दो और जिम्मेदारियां सौंपी हैं। मुखबेर न्यायपालिका के प्रमुख और संसद के स्पीकर भी होंगे। इन दो पोस्ट पर रहते हुए वे संविधान के मुताबिक अगले 50 दिन में राष्ट्रपति का चुनाव कराने की तैयारी कराएंगे।
ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयतुल्लाह खामेनेई ने राष्ट्रपति रईसी की मौत पर देश में 5 दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया है। वहीं ईरान की कल्चर मिनिस्ट्री ने घोषणा की है कि देश में सभी आर्ट एंड कल्चरल एक्टीविटीज पर 7 दिन के लिए रोक लगा दी गई है।
विदेश मंत्री हुसैन अमीराब्दुल्लाहियान के निधन के बाद उप विदेश मंत्री बाघेरी कनी को फॉरेन मिनिस्ट्री का जिम्मा सौंपा गया है। कैबिनेट ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।
ईरान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ ने कहा है कि राष्ट्रपति रईसी की मौत के लिए अमेरिकी पाबंदियां जिम्मेदार हैं। न्यूज एजेंसी इरना के मुताबिक जरीफ ने कहा कि ईरान की एविएशन इंडस्ट्री पर अमेरिकी प्रतिबंधों की वजह से देश को जरूरी साजो-सामान नहीं मिल सका। इसी वजह से हेलिकॉप्टर क्रैश में राष्ट्रपति की जान गई।
रईसी की मौत के बाद ईरान के शेयर मार्केट ने कारोबार रोक दिया है। तेहरान में सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑर्गेनाइजेशन (SEO) ने जानकारी दी है कि सोमवार को सभी तरह के कारोबार बंद रहेंगे।
राष्ट्रपति रईसी के निधन के बाद मंगलवार को ईरान की संसद हाउस ऑफ द नेशन का सेशन बुलाया गया है। ईरान की सरकारी मीडिया एजेंसी IRNA ने यह जानकारी दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि संसद कि इस मीटिंग में अंतरिम राष्ट्रपति के नाम का ऐलान हो सकता है। अटकलें हैं कि उपराष्ट्रपति मोहम्मद मुखबेर अंतरिम राष्ट्रपति होंगे।
ईरान की सरकार ने राष्ट्रपति रईसी की मौत के बाद इमरजेंसी कैबिनेट मीटिंग बुलाई। देश के उप-राष्ट्रपति मोहम्मद मुखबेर ने इस बैठक की अध्यक्षता की। इस दौरान रईसी को श्रद्धांजलि देने के लिए उस सीट को खाली रखा गया, जहां वे बैठते थे
ईरान के राष्ट्रपति रईसी की मौत की घोषणा ईरान की सबसे अहम शिया तीर्थस्थल इमाम रजा के मकबरे से की गई। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, यह मकबरा उसी शहर में मौजूद है, जहां रईसी का जन्म हुआ था।
इससे पहले हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद सैकड़ों लोग इस मकबरे के सामने इकट्ठा होकर रईसी की सुरक्षित वापसी की दुआएं मांग रहे थे। उनकी मौत की घोषणा होती ही लोग चीख-चीखकर रोने लगे।
राष्ट्रपति रईसी की मौत पर इजराइल के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हमास का बयान भी सामने आया है। हमास ने कहा, "हमारी संवेदनाएं ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह खामेनई, ईरान की सरकार और ईरान के लोगों के साथ हैं।''
''दुख और मुश्किल स्थिति में हम ईरान के साथ हैं। हादसे में ईरान के उन नेताओं की जान चली गई, जिन्होंने ईरान के हित के लिए लंबी लड़ाई लड़ी और हमारी लड़ाई में भी पूरा सहयोग दिया।''
हमास ने कहा, ''यहूदियों के अत्याचार के खिलाफ फिलिस्तीनियों की लड़ाई में उन्होंने हमेशा हमारा साथ दिया। हमें भरोसा है कि ईरान के लोग इस दुखद हादसे से बाहर निकलने में कामयाब रहेंगे।''
हेलिकॉप्टर क्रैश में मारे गए लोगों के शवों को ईरान के तबरिज शहर लाया जा रहा है। अमेरिकी मीडिया CNN ने मेडिकल असिस्टेंस देने वाली ईरान की रेड क्रिसेंट टीम के हवाले से इसकी जानकारी दी।
ईरान में राष्ट्रपति को सरकार का हेड जबकि सुप्रीम लीडर को हेड ऑफ स्टेट कहा जाता है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान में अगर राष्ट्रपति की अचानक मौत होती है तो संविधान के हिसाब से उप-राष्ट्रपति को पद सौंपा जाता है।
इसके लिए सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई अप्रूवल देते हैं। ईरान में मोहम्मद मुखबेर उप-राष्ट्रपति हैं। उनके पद संभालने के बाद ईरान में अगले 50 दिन के अंदर राष्ट्रपति चुनाव कराने होंगे।
ईरान के राष्ट्रपति रईसी की मौत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा, "रईसी की अचानक मौत से स्तब्ध हूं। उन्होंने भारत-ईरान के द्विपक्षीय रिश्तों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई। उनके परिवार और ईरान के लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं। भारत इस मुश्किल घड़ी में ईरान के साथ खड़ा है।"
वहीं भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी रईसी की मौत पर दुख जताया है। उन्होंने कहा, "मैंने जनवरी में ही उनके मुलाकात की थी। हादसे की खबर से बेहद दुखी हूं। मैं शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदानाएं व्यक्त करता हूं।"
वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने रईसी की मौत पर शोक जताया है। मादुरो ने कहा कि रईसी उनके बेहद खास दोस्त थे। ईरान गरिमा, नैतिकता और प्रतिरोध का सबसे बड़ा उदाहरण है।
अलजजीरा के मुताबिक, हेलिकॉप्टर क्रैश होने के बाद पूरी तरह से जल गया था। ईरानी अधिकारियों ने बताया कि इस दौरान कई शव भी जलकर खाक हो गए, जिसकी वजह से उनकी पहचान नहीं हो पा रही है।
सर्च ऑपरेशन में जुटे तुर्किये के एक ड्रोन को अजरबैजान की पहाड़ियों पर ताविल इलाके में जलती हुई एक जगह दिखी है। शक है कि यह ईरानी राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर का मलबा हो सकता है। हालांकि, हेलिकॉप्टर में सवार लोगों की हालत के बारे में अब भी पता नहीं चल सका है।
ईरानी राष्ट्रपति रईसी अमेरिका में बने 'बेल 212' हेलिकॉप्टर पर सवार थे। दो ब्लेड वाला यह एयरक्राफ्ट मीडियम साइज का हेलिकॉप्टर है। इसमें पायलट सहित 15 लोग बैठ सकते हैं।
IRNA की रिपोर्ट के मुताबिक, कोहरे, बारिश और ठंड की वजह से हेलिकॉप्टर के जरिए सर्च ऑपरेशन को अंजाम देना लगभग असंभव था। सड़क के रास्ते 20-40 टीमों को घटनास्थल की तरफ रवाना किया गया। इनमें ईरान की स्पेशल फोर्सेज IRGC के सदस्य समेत रेंजर्स शामिल थे। इनके पास छानबीन के लिए ड्रोन्स और सर्च डॉग्स भी मौजूद थे।
रेस्क्यू ऑपरेशन में मदद के लिए रूस ने 50 रेस्क्यू स्पेशलिस्ट और दो स्पेशल हेलिकॉप्टर भेजने की बात कही। रूस के अलावा आर्मेनिया, अजरबैजान, इराक, कतर, सऊदी अरब और तुर्की के साथ-साथ यूरोपीय कमिशन ने रईसी के हेलिकॉप्टर की तलाश के लिए सैटेलाइट मैपिंग एक्टिवेट कर दिया।
ईरान के सुप्रीम लीडर व धर्मगुरु अली खामेनेई ने देर रात कैबिनेट की आपात मीटिंग बुलाई। इसमें बचाव अभियान के साथ ही ताजा हालात पर चर्चा हुई। ईरानी सरकार ने रिवॉल्यूशनरी गार्ड (सेना) को अलर्ट पर रखा।
सेना के प्रमुख मोहम्मद बाघेरी ने विशेष दस्तों को हर तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा। प्रमुख शहरों में बसीज फोर्स उतारी। ईरान के कुर्द बहुल इलाकों चौकसी बढ़ा दी गई। यहां पिछले साल सरकार विरोधी आंदोलन हुए थे।
- भारत: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर जारी मैसेज में कहा- ईरान के राष्ट्रपति रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश की खबर से मैं चिंतित हूं। मैं उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हम इस मुश्किल घड़ी में ईरान के साथ हैं।
- इराक: हादसे को देखते हुए इराक की सरकार ने रईसी के हेलिकॉप्टर को ढूंढने के लिए मदद की पेशकश की है।
- अमेरिका: रईसी के हेलिकॉप्टर क्रैश होने की खबरों के बीच अमेरिका का बयान भी सामने आया है। अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे मामले पर नजर बनाए हुए हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन को भी घटना की जानकारी दे दी गई है।
- पाकिस्तान: प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कहा, "राष्ट्रपति सैयद इब्राहिम रईसी के हेलीकॉप्टर के बारे में ईरान से परेशान करने वाली खबर सुनी। चिंता के साथ खुशखबरी का इंतजार कर रहा हूं कि सब ठीक है।हमारी दुआएं और शुभकामनाएं राष्ट्रपति रईसी और पूरे ईरान के साथ है।"
- अजरबैजान: राष्ट्रपति इल्हाम अलीयेव ने कहा, 'मैंने कुछ देर पहले ही राष्ट्रपति रईसी को दोस्ताना विदाई दी थी। ईरान हमारा पड़ोसी होने के साथ-साथ एक दोस्त और भाई जैसा है। हम किसी भी तरह से ईरान की मदद के लिए तैयार हैं।'
यूरोपीय यूनियन ने रईसी को ढूंढने में ईरान की मदद के लिए अपना कॉपरनिकस सैटेलाइट सिस्टम एक्टिवेट कर दिया। न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, ईरान ने EU से मदद मांगी थी, जिसके जरिए मैपिंग सर्विस का इस्तेमाल करके क्रैश साइट को लोकेट किया जा सके।
साल 2021 में कट्टरपंथी नेता इब्राहिम रईसी ईरान के राष्ट्रपति बने थे। राष्ट्रपति पद का चुनाव जीतने से पहले भी कई वजहों से इब्राहिम रईसी चर्चाओं में रहे। वे सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामनेई के करीबी माने जाते हैं। माना जाता है कि वह ही खामनेई के उत्तराधिकारी भी हो सकते हैं।
इब्राहिम रईसी पहले ईरानी राष्ट्रपति हैं, जिन पर पदभार संभालने से पहले ही अमेरिका प्रतिबंध लगा चुका है। दरअसल, रईसी 1988 में सरकारी वकील थे। वे उन खुफिया ट्रिब्यूनल्स का हिस्सा थे, जिन्हें 'डेथ कमेटी' के नाम से जाना जाता है।
तब उन्होंने 5 हजार राजनेताओं को देशद्रोही साबित कर दिया था। इन सभी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। इस घटना के बाद अमेरिका ने रईसी पर बैन लगा दिया था।
- This information has been taken from the online edition of Dainik Bhaskar.
Post a Comment