क्या आप जानते हैं कि ब्रह्मांड में एक ऐसी चीज है जो ना कभी पैदा होती है और ना ही कभी मरती है. यह हर जगह है और हर एक चीज में मौजूद होती है. एक आइटम से लेकर एक विशालकाय आकाशगंगा तक सब जगह मौजूद होती है. इसके बिना हम ब्रह्मांड की कभी कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. मैं बात कर रहा हूं ऊर्जा की यानी कि एनर्जी की. जो हर एक चीज में मौजूद होती है. और ना तो इसके बिना हमारा ब्रह्मांड होता और ना ही हम कभी जन्म ले पाते. यह साधारण सी दिखने वाली एलर्जी ब्रह्मांड को साथ लेकर चलती है, इसे आप चाह कर भी ना तो कभी पैदा कर सकते हैं और ना ही कभी मार सकते हैं. बस इसे एक जगह से दूसरी जगह पर ट्रांसफर कर सकते हो. या बदल सकते हो, एनर्जी के बारे में आपने अभी तक जितना पड़ा है, या किताबों में जितना देखा है. वह सिर्फ एक पन्ना भर है,असल में एनर्जी इतनी रहस्यमई  चीज है. जिसके बारे में आप मेरे इस पोस्ट में जितना ज्यादा जानोगे उतना ज्यादा हैरान हो जाओगे. सूरत से कितनी ऊर्जा निकलती है और पृथ्वी के घूमने पर कितने परमाणु बम के बराबर ऊर्जा पैदा करती है. ब्रह्मांड का सबसे शक्तिशाली बम कितनी ऊर्जा निकालता है. और खुद ब्रह्मांड में कितनी ऊर्जा है यह सभी आपको आज इस पोस्ट में पता चलने वाला है तो अपनी सीट बेल्ट बाद दीजिए बांध लीजिए और तैयार हो जाइए बेहद ही रोमांचक सफर के लिए,



यह तो आप जानते ही हैं कि ऊर्जा को ना तो किया जा सकता है और ना ही कभी खत्म किया जा सकता है, इसे बस एक रूप से दूसरे रूप में परिवर्तित किया जा सकता है. वैज्ञानिक इसे JOULE  में नापते हैं. यह ऊर्जा की एक यूनिट है. जिसमें 1 जून इतनी ऊर्जा होती है जितनी 100 ग्राम के 1 सिक्के को 1 मीटर तक गिराने में महसूस होगी. और इसे इस प्रकार भी समझा जा सकता है. की 1 ग्राम सूखी हवा को 1 डिग्री सेल्सियस तक गरम कर सकते हैं. इसके अलावा आप 1 JOULE ऊर्जा से 1 वाट की एनर्जी बना सकते हो.अब अगर आप  ऊर्जा की इस यूनिट को समझ चुके हो, तो अब मैं आपको ले चलूंगा वहां, जहां इस  उर्जा से भी एक खरब कम ऊर्जा में काम होते हैं. सबसे पहले शुरू करते हैं जीरो (0) JOULE से, यह वह स्टेज है जहां ऊर्जा है ही नहीं.  अगर आपको लगता है कि जीरो (0) JOULE या जीरो (0) एनर्जी कहीं है ही नहीं, तो यह बिल्कुल असंभव है. ब्रह्मांड में हर जगह  चाहे वह Atom के अंदर मौजूद इलेक्ट्रॉन हो या फिर खाली स्पेस हो. हर जगह ऊर्जा बनी रहती है. यानी कि जीरो (0) JOULE या जीरो (0) एनर्जी  एकदम असंभव है. तो अब हम जिस जगह जाने वाले हैं या जिससे मिलने वाले हैं. वह जीरो (0) JOULE या जीरो (0) एनर्जी ही बनाता है. बात कर रहे हैं फोटोन (Photon)  की, जो कि प्रकाश का एक कण है. और कई फ्रीक्वेंसी पर काम करता है. वह 1 Hertz फ्रीक्वेंसी पर 1 JOULE से भी कई खरब खरब खरब खरब गुना कम एनर्जी अपने अंदर रखता है. जो कि 6.626 × 10-34 J है. जो कि इस ब्रह्मांड की सबसे कम ऊर्जा है. 


गामा किरण (γ-किरण) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण या फोटॉन हैं, जो परमाणु-नाभिक के रेडियोसक्रिय क्षय से उत्पन्न होता है। गामा किरणों के फोटॉनों की ऊर्जा अब तक प्रेक्षित अन्य सभी फोटॉनों की ऊर्जा से अधिक होती है। ... इस प्रक्रिया को गामा-क्षय (gamma decay) कहा जाता है।

गामा किरण (γ-किरण) एक प्रकार का विद्युत चुम्बकीय विकिरण या फोटॉन हैं, जो परमाणु-नाभिक के रेडियोसक्रिय क्षय से उत्पन्न होता है। गामा किरणों के फोटॉनों की ऊर्जा अब तक प्रेक्षित अन्य सभी फोटॉनों की ऊर्जा से अधिक होती है। सन १९०० में फ्रांस के भौतिकशास्त्री हेनरी बेकुरल ने इसकी खोज की थी जब वे रेडियम से निकलने वाले विकिरण का अध्ययन कर रहे थे।

जब परमाणु का नाभिक एक उच्च ऊर्जा स्तर से निम्न ऊर्जा स्तर पर क्ष्यित होता है तो इस प्रक्रिया में गामा किरणें निकली हैं। इस प्रक्रिया को गामा-क्षय (gamma decay) कहा जाता है।

अपने ऊँचे ऊर्जा स्तर के कारण, जैविक कोशिका द्वारा सोख लिए जाने पर अत्यंत नुकसान पहुँचा सकती हैं। गामा किरण नाभिक में से अल्फा और बीटा के निकलने से बनता है । यह सबसे अधिक वेधन छमता वाला किरण होता है।



जब गामा किरणें किसी पदार्थ से होकर गुजरती हैं तो पदार्थ द्वारा इन किरणों को अवशोषित किये जाने की प्रायिकता उस पदार्थ की परत की मोटाई, पदार्थ के घनत्व, तथा पदार्थ के अवशोषण-प्रतिच्छेद (absorption cross section) के समानुपाती होती है। पदार्थ के अन्दर x-दूरी पार करने के बाद गामा किरणों की तीव्रता निम्नलिखित सूत्र से दी जा सकती है-


गामा किरणें (रे) क्या है?




गामा-किरणों की एलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम में सबसे छोटी वेवलेंथ और किसी भी अन्य वेव से अधिक ऊर्जा होती है। ये लहरें रेडियोधर्मी परमाणुओं और परमाणु विस्फोटों द्वारा उत्पन्न होती हैं। गामा-किरणें कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए गामा-किरणों का उपयोग करके जीवित कोशिकाओं को मार सकती हैं।                             गामा-किरणें प्रकाश का सबसे ऊर्जावान रूप है और ब्रह्मांड के सबसे गर्म क्षेत्रों द्वारा इन्हें उत्पादित किया जाता है।

Electromagnetic Spectrum and Gamma Rays 

Gamma-rays are high frequency (or, say, the lowest wavelength) electromagnetic radiation. Gamma-rays have lower wavelength limits than 100pm and frequencies greater than 10 Hz. As of now, they are the most energetic form of electromagnetic radiation in the range of over 100 KeV. Although gamma rays were first observed by French chemist Paul Willard in the 1900s while he was investigating radium, Ernest Rutherford named them "gamma rays". Gamma rays are one of the most energetic forms of light produced in the hottest regions of the universe, as mentioned earlier. They are also produced by radioactive material in space, along with supernova explosions. Gamma rays cannot be reflected in mirrors such as x-rays. Gamma rays are a type of ionizing radiation and are therefore extremely dangerous. Ionizing radiation is high energy radiation, enough to pull electrons away from their atoms. The main methods of producing gamma-rays are nuclear reactions.

 1- Nuclear fusion
 2- Nuclear fission.
 3- Alpha decay. 
 4- Gamma Decay.

गामा किरणों की विशेषताएँ 

  1. गामा किरण बिजली और चुंबकीय क्षेत्रों द्वारा deflected नही होती हैं। यह दिखाता है कि उनके पास कोई चार्ज नहीं है।
  2. गामा किरण एक्स-किरणों जैसे विद्युत चुम्बकीय तरंगें हैं। गामा रे फोटॉन की वेवलेंथ एक्स-किरणों की तुलना में छोटी होती है।
  3. गामा किरण प्रकाश की गति(स्पीड ऑफ लाइट) के साथ यात्रा करती हैं।
  4. गामा किरणों में penetrating शक्ति बहुत है। वे लौह और सीसा के कई सेंटीमीटर तक गुजर सकती हैं।
  5. गामा किरण पदार्थ में फ्लोरोसिन का उत्पादन कर सकती है। उदाहरण- willimite।
  6. गामा किरणें परमाणु रिएक्शन का उत्पादन कर सकती हैं।

गामा किरणों की खोज (Discovery of Gamma Rays) :-

एक्स-किरणों की खोज के तुरंत बाद गामा किरणों की खोज की गई। 1896 में, फ्रांसीसी वैज्ञानिक हेनरी बेकेलेल ने पाया कि यूरेनियम खनिज एक अन्य सामग्री के माध्यम से एक फोटोग्राफिक प्लेट का पर्दाफाश कर सकता है। बेकेलेल ने पाया कि यूरेनियम ने एक्स-किरणों के समान कुछ अदृश्य प्रकाश उत्सर्जित किया है, जिसे हाल ही में डब्ल्यू.सी. रोएंजेन द्वारा खोजा गया था।

उन्होंने इसे ‘धातु फॉस्फोरेंस’ कहा। गामा किरणों को पहले द्रव्यमान(mass) के साथ कण(particles) माना जाता था, उदाहरण के लिए ऊर्जावान बीटा पार्टिकल्स। यह राय विफल रही, क्योंकि इस विकिरण को चुंबकीय क्षेत्र द्वारा प्रतिस्थापित नहीं किया जा सकता है, जो इंगित करता है कि उनके पास कोई चार्ज नहीं था। 1914 में, गामा किरणों को क्रिस्टल सतहों से प्रतिबिंबित किया गया, यह साबित हुआ कि वे विद्युत चुम्बकीय विकिरण है, लेकिन उच्च ऊर्जा (उच्च फ्रीक्वेंसी और छोटी वेवलेंथ) के साथ।

गामा किरणों का उपयोग (Uses of Gamma Rays ) :-

  1. 1- It is used to treat cancer cells (cells) in our body without surgery.

    2- It is used in industries to kill harmful bacteria, such as yeast. Like X-rays, they are also used to sterilize medical devices.

    3- It is also used to detect brain and heart KE abnormalities.

    4- Gamma rays are used by engineers, as they can penetrate better than X-rays to see cracks in pipes and parts of aircraft.

    5- One of the destructive uses is his significant role in the development of the atomic bomb.

 Facts About Gamma Rays (गामा किरणों से जुड़े कुछ तथ्य ):-

1- The speed of gamma rays is equal to the speed of light because it is a type of electromagnetic wave and all EM waves travel with the speed of light.

 2- Gamma rays have the lowest wavelength compared to other rays.

 3- Gamma rays are very similar to microwaves or light with very high energy differences.

4- They are also used for scanning human tissue because of its penetration power.

5- Special types of detectors are required to detect gamma rays.

6-  Gamma rays produced in space are absorbed by the Earth's atmosphere.

 7- Gamma rays are also used to irradiate food, that is, to kill harmful bacteria of food so that food can be preserved for a long period and protect it from spoilage.



Gamma rays (γ-rays) are a type of electromagnetic radiation or photons produced by radioactive decay of the atomic-nucleus. The energy of photons of gamma rays is higher than the energy of all other photons observed so far. It was discovered by French physicist Henri Becural in 1900 when he was studying radiation emanating from radium. When the nucleus of an atom decays from a higher energy level to a lower energy level, gamma rays are produced in this process. This process is called gamma decay. Due to their high energy levels, biological cells can cause extreme damage if they are absorbed. The gamma ray is formed by the release of alpha and beta from the nucleus. This is the beam with the highest drilling capacity. Uses Gamma rays give information about very high energy phenomena that occur in the universe. Animate change can be made by gamma rays.



 By this process the properties of semi-precious stones are changed. Sensor - For measuring levels, density and thickness. To kill bacteria - this is called gamma irradiation. Sterilization of medical devices is done by gamma irradiation, which has emerged as an alternative to sterilization by chemical methods and other methods. Gamma rays kill the bacteria that decay them with food. To prevent germination of fruits and vegetables, or to reduce the speed of germination or to delay germination. In the treatment of cancer (Gamma rays can also cause cancer.)





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