The Delhi Liquor Scam is a political scandal concerning the Delhi Government, which paved its way through the introduction of Delhi's Excise Policy from 2021 to 2022. This policy brought in private firms and enterprise companies into the retail liquor sectors.
दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने अगस्त 2022 में FIR दर्ज की थी. इस मामले में मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया. सीबीआई ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया.
17 नवंबर 2021 को दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने एक्साइज पॉलिसी 2021-22 को लागू किया. नई पॉलिसी के तहत, शराब कारोबार से सरकार बाहर आ गई और पूरी दुकानें निजी हाथों में चली गईं. दिल्ली सरकार का दावा था कि नई शराब नीति से माफिया राज खत्म होगा और सरकार के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होगी. हालांकि, ये नीति शुरू से ही विवादों में रही और जब बवाल ज्यादा बढ़ गया तो 28 जुलाई 2022 को सरकार ने इसे रद्द कर दिया.
कथित दिल्ली शराब घोटाले का खुलासा 8 जुलाई 2022 को दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव नरेश कुमार की रिपोर्ट से हुआ था (Delhi Liquor Scam).
दिल्ली की शराब नीति में कथित घोटाले के मामले में सीबीआई ने अगस्त 2022 में FIR दर्ज की थी. इस मामले में मनीष सिसोदिया, तीन पूर्व सरकारी अफसर, 9 कारोबारी और दो कंपनियों को आरोपी बनाया गया. सीबीआई ने आरोपियों पर आपराधिक साजिश रचने और भ्रष्टाचार से जुड़ी धाराओं के तहत केस दर्ज किया. इनमें तीन पूर्व सरकारी अफसर एजी कृष्णा (पूर्व एक्साइज कमिश्नर), आनंद तिवारी (पूर्व डिप्टी एक्साइज कमिश्नर) और पंकज भटनागर (पूर्व असिस्टेंट एक्साइज कमिश्नर) शामिल थे.
इसके अलावा अमित अरोड़ा (बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर), दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे को भी आरोपी बनाया गया. इन तीनों को सिसोदिया का करीबी माना जाता है. आरोप था कि तीनों ने आरोपी सरकारी अफसरों की मदद से शराब कारोबारियों से पैसा इकट्ठा किया और उसे दूसरी जगह डायवर्ट किया.
इस घोटाले के मामले में आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, के. कविता और सीएम अरविंद केजरीवाल फंस गए.
ईडी की चार्जशीट के मुताबिक, आरोपी दिनेश अरोड़ा ने संजय सिंह से मुलाकात की थी. संजय सिंह के कहने पर अरोड़ा ने दिल्ली चुनाव के लिए फंड जुटाया और 32 करोड का चेक मनीष सिसोदिया को सौंपा. इसके बदले संजय सिंह ने अरोड़ा का एक मामला सुलझाया जो एक्साइज डिपार्टमेंट के पास पेंडिंग था. संजय सिंह 4 अक्टूबर 2023 से जेल में बंद थे. 6 महीने से जेल में थे. दिल्ली शराब नीति से संबंधित घोटाला केस में संजय सिंह ईडी ने उन्हें 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था. आप सांसद की दलील पर सुप्रीम कोर्ट बेंच ने माना, 'संजय सिंह के कब्जे से कोई पैसा बरामद नहीं हुआ और संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने 3 अप्रैल 2024 को जमानत दे दी.
दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में कथित घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ईडी सीएम अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार कर लिया और रिमांड खत्म होते ही 1 अप्रैल को तिहाड़ जेल भेज दिया गया. ईडी का आरोप है कि जब एक्साइज पॉलिसी 2021-22 तैयार की जा रही थी, तब कई आरोपी केजरीवाल के संपर्क में थे.
हैदराबाद के व्यवसायी अरुण पिल्लई ने खुलासा किया है कि वो एक्साइज पॉलिसी को लेकर अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर काम कर रहे थे. 26 फरवरी 2022 से मनीष सिसोदिया जेल में हैं. दिल्ली में जब नई शराब नीति लागू हुई थी, तब आबकारी विभाग सिसोदिया के पास ही था. आरोप है कि आबकारी मंत्री होने के नाते सिसोदिया ने 'मनमाने' और 'एकतरफा' फैसले लिए थे, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा और शराब कारोबारियों को फायदा हुआ.
साथ ही, इस मामले में भारत राष्ट्र समिति पार्टी की सदस्य और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता भी फंस गई. ईडी का दावा है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं के लिए विजय नायर और दूसरे लोगों को 'साउथ ग्रुप' ने 100 करोड़ की रिश्वत दी थी. के. कविता इस साउथ ग्रुप का हिस्सा थीं. इस ग्रुप में दक्षिण के राजनेता, नौकरशाह और कारोबारी हैं. ईडी के मुताबिक, के. कविता ने 19-20 मार्च 2021 को आरोपी विजय नायर से मुलाकात की थी. कविता को ईडी ने 15 मार्च 2024 को हैदराबाद से गिरफ्तार किया था.
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